कोरोंनासंक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु केंद्र व राज्यों ने लॉकडाउन (अंग्रेज़ी शब्द) किया हैं जो वर्तमान परिस्थिति में ज़रूरी भी हैं लेकिन मेरे मन में एक विचार मंथन बहुत दिनो से चल रहा हैं कि इस समय एक शब्द बड़े बड़े विद्वान बहुत ज़ोर शोर से बोल रहे हैं जो भारतीय सामाजिक संरचना (वर्ण,वर्ग,जाति और धर्म )के अनुकूल क़तई भी सटीक नहीं हैं सोशल डिस्टन्सिंग जिसमें छूआँ छूँत की बू आती हैं यदि इस महामारी के रोकने तक सोशल डिसटेंसिं (सामाजिक दूरी )के स्थान पर शारीरिक दूरी शब्द का प्रयोग किया जाये तो ज़्यादा सटीक होगा और ग़लती सुधारना भारतीय संस्कृति की आत्मा में समाहित हैं
एडवोकेट प्रमेन्द्र भाटी : सोशल डिसटेंसिं के स्थान पर शारीरिक दूरी शब्द का प्रयोग किया जाये